वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के प्रतिस्पर्धिता सूचकांक के मापदंड व्यापार में सहजता सूचकांक से ज़्यादा व्यापक है. इसलिए वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम में गिरती रैंकिंग भारत के लिए एक झटका है. मोदी सरकार को जल्द से जल्द बदलते विश्व व्यापार परिदृष्य के मद्देनज़र सुधार के कदम उठाने चाहिए ताकि मंद पड़ी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकी जा सके.