यूजीसी का वार्षिक परीक्षाओं पर जोर देने अनुचित नहीं है. दो-तिहाई विश्वविद्यालयों ने पहले ही परीक्षाएं आयोजित की हैं, अन्य छात्र अब केवल आंतरिक ग्रेड के आधार पर पदोन्नत होना चाहते हैं. लेकिन भारतीय विश्वविद्यालयों में साल-दर-साल टेस्ट में कमतरी हुई है. औपचारिक परीक्षा न होने पर अंतिम मूल्यांकन के लिए कुछ तरीके अपनाए जाने चाहिए.