हाल ही में 56 सीटें जीतने वाली शिवसेना का महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी से बराबर की हिस्सेदारी की मांग करना अतार्किक है. इस तरह के प्रतिस्पर्धी राजनीतिक हितों से राज्य में उहापोह की स्थिति बनी हुई है. यह एक राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं जहां आर्थिक मंदी और कृषि संकट से निपटने के लिए जल्दी से फैसले लेने की जरूरत है.
होम50 शब्दों में मतसेना-बीजेपी का झगड़ा राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं, मंदी से निपटने के लिए तेजी से निर्णय की जरूरत
