कश्मीर की दो महत्वपूर्ण आवाजें- एलजी मनोज सिन्हा और एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने आर्टिकल 370 के खात्म किए जाने की दूसरी वर्षगांठ से पहले दिप्रिंट से बातचीत की. प्रत्येक को दूसरी की बात सुननी चाहिए. सच है, अलगाववाद का कोई भविष्य नहीं, लेकिन सरकार को यह भी समझना चाहिए कि वहां अलगाव की भावना गहरे तक है. बातचीत ही समाधान है.