देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल देश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को दिखाती है. 19 राज्यों ने मरीज़ो के हमले से डॉक्टरों को बचाने के लिए कानून बनाया है पर वो निश्प्रभावी रहे हैं. असली समस्या है मूलभूत ढ़ांचे की कमी और सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की कमी और निजी स्वास्थ्य सेवाओं का महंगा होना. इस संकट को एक व्यवस्थित उपचार की ज़रूरत है न कि एक और बैंड एड की.
विश्वकप के मैचों का धुल जाना चौंकाने वाला है, आयोजकों को सज़ा मिलनी चाहिए
एक विश्व कप मैच इसलिए नहीं खेला जा पाया क्योंकि इस समय में एक आउट फील्ड ठीक से ढंका नहीं जा पायी, चौंकाने वाली बात है. ये और भी हैरान करने वाला है क्योंकि ये क्रिकेट के जन्मस्थली और इसमें किए जा रहे नये प्रयोगों में हो रहा है. इस टूर्नामेंट के आयोजकों और इसके स्पॉन्सर्स को अपने फैन्स को हलके में लेने के लिए दंडित किया जाना चाहिए.