तमिलनाडु का ‘राइट टी सीट’ विधेयक, जो श्रमिकों के लिए बैठने की सुविधा को अनिवार्य करता है, एक स्वागत योग्य सुधार है, जो श्रम के अधिकारों और गरिमा को रेखांकित करता है. जबकि केरल और तमिलनाडु ने ड्यूटी के घंटों के दौरान लगातार खड़े रहने को अवॉयड करने को कहा है. यह राज्यों से परे राष्ट्रीय ‘अधिकार’ बनने के लिए जाना चाहिए.