सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह का मामला लंबे समय से चल रहा है. इस पर सरकार ने तर्क दिया कि विवाह में अभिजात वर्ग से लेकर बाल संरक्षण तक की बात आती हैं. जबकि RSS ने इसे ‘मोड ऑफ लाइफ’ कहा है. इसमें सवाल यह है कि लोगों को शादी करने से क्यों रोका जा रहा हैं?
समलैंगिकता कोई अपराध नहीं, फिर शादी करने से लोगों को क्यों रोका जा रहा?
दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.
Text Size:
share & View comments
