प्राचीन भारत के अदृश्य विमानों से लेकर महर्षि कणाद के परमाणु सिद्धांत के जनक होने तक – जैसा कि दिप्रिंट ने रिपोर्ट किया है, एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के लिए राज्यों की सिफारिशें अतीत के प्रति उनके लगाव को दर्शाती हैं. भारत की सभ्यता के अतीत को जानने लिए उन्हें साहित्य या इतिहास का हिस्सा बनाना चाहिए. लेकिन युवा छात्रों को भविष्य के बारे में विज्ञान अवश्य सीखना चाहिए.