एग्जिट पोल के नतीजों के बाद चंद्रबाबू नायडू की विपक्षी नेताओं के साथ बैठकें गैर-एनडीए खेमे में मायूसी दिखाता है. यदि विपक्ष वास्तव में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को नीचे लाना चाहता था, तो उन्हें घबराहट और विश्वास के साथ-साथ अब एक चीर-फाड़ गठबंधन बनाने की कोशिश करने के बजाय एक साथ चुनाव लड़ने की पूरी कोशिश करनी चाहिए थी.
स्टॉक मार्केट में उछाल के पीछे कोई तर्क नहीं, चाहे वो ग़लत न हो
मोदी की सत्ता में वापसी का अनुमान दिखाने वाले एग्ज़िट पोल के बाद स्टॉक मार्केट में रिकार्ड उछाल आया. बाज़ार भावना पर चलता है पर यह बेइंतिहा ख़ुशी हैरान करने वाली है. आख़िर यह उसी सरकार की वापसी की बात कर रहा है जिसके आर्थिक रिकार्ड में कुछ दिखाने के लायक़ नहीं है.