2002 के गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम मोदी को एसआईटी की क्लीन चिट को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने चला था. लेकिन वो यहीं नहीं रुका. इसके बजाय, इसने उन लोगों के लिए एक नया न्यायिक सिद्धांत लिखा, जो इसके दरवाजे खटखटाएंगे, उनके अपराध पर निष्कर्ष निकाला, और उनके उत्पीड़न का आधार बन गया.