आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेताओं/विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का सख्त बर्ताव दिखाता है कि भारतीय राजनीति में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयास अभी भी सिर्फ प्रगति पर हैं. शीर्ष अदालत को इस पर अडिग रहना होगा. राजनेता खुद अपने कृत्यों को नहीं सुधारेंगे, क्योंकि इसमें फायदा कम है.