आठ महीनों तक लगातार 6% से ऊपर रहने के बाद खुदरा मुद्रास्फीति 4.59% तक गिरना एक बड़ी राहत है. आरबीआई के लिए यह एक बड़ा मौका है और इसे महामारी के कारण बाधित विकास दर को फिर पटरी पर लाने वाली नीतियां बनाने में इस्तेमाल करना चाहिए. यह मौजूदा मुद्रास्फीति लक्षित बैंड को बनाए रखने में भी आरबीआई की स्थिति को मजबूत करने वाला है.