आरबीआई का दरों में कटौती करने के साथ तीन महीने तक मोराटोरियम की अवधि बढ़ाने का निर्णय लोगों को और व्यवसायों को राहत की सांस देगा. भारत ने महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए मौद्रिक और राजकोषीय दोनों उपायों का प्रयोग किया है. हालांकि आर्थिक बेहतरी अब उत्पादन और उपभोक्ता मांग को बहाल करने पर निर्भर करेगा.