आरबीआई ने ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया, जो संकेत है कि उच्च मुद्रास्फीति से बड़ी चिंता अब असमान्य ग्रोथ है. यह राजनीतिक महत्व का भी मसला है. जब विधानसभा और लोकसभा चुनाव नजदीक हो तो वैसे में मजबूत ग्रोथ चुनावी नजरिए से उतनी ही जरूरी है जितनी कि कम मुद्रास्फीति.