कॉर्पोरेट्स को बैंकिंग में अनुमति देने का विरोध अच्छी तरह से होता रहा है. बैंकों के RBI द्वारा खराब नियमन, असंगत कॉर्पोरेट प्रशासनिक मानकों, संकल्प तंत्र की कमी के कारण यह कदम जोखिम भरा है. यह जमाकर्ताओं को नुकसान पहुंचा सकता है, अधिक सरकारी खैरात के लिए मजबूर कर सकता है. रघुराम राजन और वायरल आचार्य का सुझाव सही है कि इस प्रस्ताव को ‘ठंडे बस्ते में डाल देन चाहिए.’