चीतों की मौत के बाद अब रेडियो कॉलर को दोषी ठहराया जा रहा है और ज़िंदा बचे पशुओं से बिना किसी मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण के इसे हटा दिया गया है. यह दावा करने के बाद कि उनकी मृत्यु प्राकृतिक कारणों से हुई. अनुमान मुश्किल है, इसके केंद्र में विज्ञान को होना चाहिए. ऐसा लगता है कि सरकार चलते-फिरते नीतियां बदल रही है.