जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए डोजियर में विचित्र भाषा का उपयोग किया गया है. उन्हें ‘कोटा रानी’, ‘डैडीज गर्ल’ और भीड़ को गुमराह’ करने वाला बताया है. इससे यह पता चलता है कि मोदी सरकार अनुच्छेद 370 के अपने साहसिक कदम से भटक रही है. सरकार का यह का यह निर्णय विचारहीन है.