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Sunday, 3 November, 2024
होम50 शब्दों में मतनिजी बैंकों को सरकारी बिजनेस मिलना प्रगतिशील कदम, यह PSBs को प्रतिस्पर्धी और कुशल बनाएगा

निजी बैंकों को सरकारी बिजनेस मिलना प्रगतिशील कदम, यह PSBs को प्रतिस्पर्धी और कुशल बनाएगा

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण ममलों पर सबसे तेज़ नज़रिया.

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सभी प्राइवेट बैंकों को सरकारी बिजनेस हासिल करने की अनुमति देना प्रगतिशील कदम है. यह समान अवसर और सरकारी ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करेगा. प्रतिस्पर्धा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को दक्ष बना सकती है. जैसा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, सार्वजनिक क्षेत्र महत्वपूर्ण है और प्राइवेट इंटरप्राइसेज़ की भागीदारी भी जरूरी है.

नरेंद्र मोदी स्टेडियम बतौर खेल ठीक नहीं, मौजूदा प्रधानमंत्री को भारत में देवता बनाने की जरूरत नहीं

सिर्फ यह कहना कि अहमदाबाद के नए क्रिकेट स्टेडियम को पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से किया जाना ‘क्रिकेट नहीं है’, ठीक नहीं होगा. बल्कि यह खराब राजनीति, गलत संदेश और अनुचित है. बीजेपी, नेहरू-गांधी के स्मारकों को गिनवाती रहती है. 99 ‘गलत’ का हवाला देकर सौवें ‘गलत’ को सही नहीं ठहराया जा सकता. अधिनायकवादी तंत्र की तरह भारत में मौजूदा प्रधानमंत्री को देवता बनाने की जरूरत नहीं है.
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