25 साल पहले पोखरण परमाणु परीक्षणों ने आज के भारत को विश्व व्यवस्था के केंद्र में लाने की नींव रखी थी. शीत युद्ध शुरू होने के बाद इन साहसिक, निडर परीक्षणों ने भारत की पश्चिम की तरफ जोशीले कदम की राह खोली. परमाणु को लेकर भेदभाव खत्म किया और वैश्विक शक्तियों को भारत को बराबरी के तौर पर देखने को मजबूर किया.