समान नागरिक संहिता के लिए पीएम मोदी का आह्वान 2024 से पहले राजनीतिक नाटक के लिए मंच तैयार करता है. यह अब विपक्ष के लिए हार या जीत का मुकाबला है. बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि वे कैसे प्रतिक्रिया देते हैं — क्या वे तुष्टीकरण का बिना सोचे-समझे विरोध शुरू करते हैं या फिर एक सैद्धांतिक और सूक्ष्म रुख अपनाते हैं.