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Sunday, 17 November, 2024
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इमरान खान द्वारा लोकतंत्र के गलत इस्तेमाल को रोक नहीं पा रही पाकिस्तान की संस्थाएं

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

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सत्ता में बने रहने का इमरान खान का ये अजीब सा तरीका समझ से परे है जब देश का लोकतंत्र ही उनके इर्द-गिर्द सिमट के रह गया है. देश की संस्थाएं उजागर हो गई हैं कि वो कानून और संविधान के गलत इस्तेमाल को रोकने में अक्षम हैं. इसे सुप्रीम कोर्ट के जरिए ठीक नहीं किया जा सकता.

बिजनेस के लिए पार्टियों को IFB द्वारा फंड करना शर्मनाक है, इससे बंगाल की प्रतिष्ठा ही कम होगी  

पश्चिम बंगाल आधारित आईएफबी एग्रो द्वारा राजनीतिक पार्टियों को चुनावी बांड्स द्वारा फंड करना, सिर्फ इसलिए की बिजनेस में उसे आसानी हो, ये काफी शर्मनाक है. चुनावी बांड्स लगातार सवालों के घेरे में रहे हैं और अब प्रोटेक्शन मनी के तौर पर उसका इस्तेमाल करना भ्रष्टाचार को वैध बनाएगा. इससे बतौर निवेश वाली जगह, बंगाल की ही प्रतिष्ठा कम होगी.

श्रीलंका को नई नीतियों की जरूरत है न कि नए चेहरों की, राजपक्षे अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं

श्रीलंका की आर्थिक स्थिति के मद्देनज़र लोगों के रोष को देखते हुए नई कैबिनेट बनाने का राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का फैसला ठीक वैसा ही जैसे अपनी जिम्मेदारी किसी और को दे देना. देश को नई नीतियों की जरूरत है न कि नए चेहरों की. भारत और अन्य विश्वस्त देशों को जरूरत है कि जल्द ही श्रीलंका के लिए आईएमएफ से बेलआउट पर बात करे, चाहे उसकी शर्तें कुछ भी क्यों न हो.

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