एक संकटकालीन वर्ष के बाद आर्थिक सर्वेक्षण 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था के उबरने और विकास की संभावनाओं को लेकर काफी उम्मीदें जताई गई हैं. यद्यपि आशावादी होना अच्छा है और इसकी बहुत ज्यादा जरूरत भी है, लेकिन सर्वे में स्पष्ट तौर पर प्रवासी और रोजगार संकट को नजरअंदाज किया गया है. भारत स्थितियों को बदलने में कितना सक्षम होगा, यह वित्तीय क्षेत्र के गंभीर संकटों के समाधान पर निर्भर करता है.