चुनाव सुधार को लेकर राज्यसभा में हुई बहस दिखाती है कि विपक्ष लगातार ईवीएम और संस्थाओं को दोषी ठहराकर अपनी हार से कुछ सीखना नहीं चाहता. उन्हें नरेंद्र मोदी को मिले जनादेश का सम्मान करना चाहिए और अपनी ब्रांड राजनीति की लोकप्रिय अस्वीकृति के बारे में आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.
कांग्रेस को अब एक सशक्त अध्यक्ष की जरूरत है, न कि पुतला
राहुल गांधी का त्याग पत्र खुद को छोड़कर चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए हर चीज को दोषी ठहराता है. यह दिखाता है कि पार्टी को क्यों आकांक्षी भारत से फिर से जुड़ने के लिए प्रथम परिवार से परे देखने की जरूरत थी. कांग्रेस को अब एक पुतले की नहीं, सशक्त अध्यक्ष को चुनना चाहिए जो राहुल गांधी के लिए सीट तैयार रखे.