महिलाओं के सिंगल रहने या बिना बच्चे के रहने के बारे में कर्नाटक के मंत्री के. सुधाकर का बयान और मोहन भागवत के, ‘विवाह के लिए युवा हिंदुओं के धर्म परिवर्तन’ वाले बयान में फर्क नहीं है. इन दोनों बयानों के मूल में व्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन करने की भावना छिपी है, खासकर महिलाओं की स्वतंत्रता.