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Sunday, 22 December, 2024
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रक्षा बजट जस का तस होने से घबराएं नहीं, जरूरत लंबी रणनीतिक सोच की है

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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बालाकोट के बाद रक्षा बजट के आवंटन में महत्वपूर्ण वृद्धि न करने पर कुछ निराशा हुई है. लेकिन भारत के कुल बजट का सबसे बड़ा हिस्सा रक्षा क्षेत्र को दिया जाना जारी है. रक्षा खर्च अधिक टैंक और विमान प्राप्त करने जैसे सामरिक उपायों के बजाय दीर्घकालिक रणनीतिक सोच के जरिये संचालित किया जाना चाहिए.

सीतारमण का बजट निवेश को बढ़ावा देने वाला है लेकिन मांग बढ़ने और घटती खपत रोकने के लिए कोई उपाय नहीं सुझाता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में कुछ चौंकाने वाला नहीं था लेकिन किसी को भी उन सीमाओं की उम्मीद नहीं की करनी चाहिए थी जिनके तहत बजट पेश किया गया. यह घरेलू और विदेशी निवेश को मजबूत करने के इरादे से गिरते विकास को बढ़ावा देने की कोशिश करता है. सीतारमण ने हालांकि मांग बढ़ने और घटती खपत को रोकने के लिए कुछ उपाय नहीं सुझाए हैं.

 

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