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शुक्रवार, 9 मई, 2025
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ईंधन की कीमतों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सहमति की जरूरत, उंगली उठाने से कोई फायदा नहीं होगा

दिप्रिंट का 50 शब्दों में सबसे तेज़ नज़रिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गैर-भाजपा राज्यों को ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर निशाना बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है. ईंधन की कीमतों के जरिए राजस्व बढ़ाने का काम हर किसी ने किया है. चुनावी कारणों के लिए ईंधन की कीमतों को मैनेज करने के लिए केंद्रीय सरकार भी दोषी है. ईंधन की कीमतों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सहमति की जरूरत है. सार्वजनिक तौर पर उंगली उठाकर कोई फायदा नहीं होगा.

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