प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लद्दाख जाकर सैनिकों से मिलना और उन्हें संबोधित करना चीन को एक कड़ा संदेश है. गलवान पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाने वाले उनके आलोचकों को मोदी का वहां जाकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाना और चीन के विस्तारवादी नीति को लेकर चेताना एक करारा जवाब है. संदेश दे दिया गया है, अब आगे की कमान कूटनीतिक तरीके से संभालनी चाहिए.