नेपाल के सुप्रीम कोर्ट द्वारा वहां के संसद के निचले सदन को बहाल किया जाना स्वागत योग्य है. यह संवैधानिक शिष्टाचार की रक्षा तो है लेकिन इससे देश में स्थायित्व शायद ही आएगा क्योंकि नेपाल की सत्ताधारी पार्टी में काफी मतभेद हैं. नए सिरे से चुनाव ही इसका एकमात्र रास्ता है क्योंकि नेपाल लोकतांत्रिक स्थायित्व और विचारधारात्मक स्पष्टता की तलाश में है.