मुनव्वर फारूकी को जमानत देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद. लेकिन वह हमारी सामूहिक माफी के भी हकदार हैं. गिरफ्तारी का कोई कारण नहीं था. फिर भी ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने जमानत खारिज कर दी. यह हमारी न्यायपालिका के लिए शर्म की बात है कि एक निर्दोष नागरिक चुटकुलों के लिए हफ्तों अपनी आजादी खो देते हैं, जिसे उन्होंने नहीं बोला.