मास्को भले ही यूक्रेन की सीमाओं से सैनिकों को वापस बुला रहा है लेकिन संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. रूस को लग रहा है कि उसके द्वारा बनाया गया दबाव सफल रहा क्योंकि नाटो के विस्तार का काम ठहर गया है. चीन ने अपने एशियाई आक्रमणों से भी यही सबक लिया है. जब तक अमेरिका यह नहीं दिखाएगा कि वह झुंझलाहट से ज्यादा कुछ कर सकता है, तब तक ये ताकतें जोर दिखाती रहेंगी.