संसद के 75 वर्षों के सफर पर नेहरू, इंदिरा और बाकी पूर्ववर्तियों की पीएम मोदी द्वारा तारीफ अवसर के अनुरूप थी. वह एक प्रधानमंत्री की तरह बोले, न कि बीजेपी के मुख्य कैंपेनर की तरह. इस यात्रा में कई मार्गदर्शक रहे हैं, को कहना सामूहिक इच्छाशक्ति और प्रयास को दिखाता है. पीएम मोदी का इस बात को तवज्जो देना, अच्छी शुरुआत है.