जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक सकारात्मक और उद्देश्यपूर्ण रही. सबसे बड़ी बात थी कि दोनों पक्ष राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली के लिए रोडमैप पर काम करने को बिना शर्त उत्सुक थे. कश्मीरी नेताओं का अनुच्छेद-370 को कानूनी और संवैधानिक रूप से अमान्य किए जाने के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का इरादा व्यावहारिक है.