इसे ‘एहतियाती खुराक’ कहें या बूस्टर शॉट, क्या फर्क पड़ता है. महत्त्वपूर्ण यह है कि मोदी सरकार आखिरकार इसे देने के लिए राजी हो गई है. लेकिन क्यों 3 जनवरी या 10 जनवरी तक विभिन्न वर्गों के लिए इंतज़ार क्यों करना जबकि पता है कि ओमीक्रॉन काफी तेजी से फैलता है. यह बात सिर्फ भारत के हेल्थ ब्यूरोक्रेट्स ही जान पाएंगे.
होम50 शब्दों में मतआखिरकार मोदी सरकार बूस्टर शॉट्स देने के लिए राजी हो गई, लेकिन ओमीक्रॉन के चारों तरफ फैल जाने का इंतज़ार क्यों करना


