COP26 में पीएम मोदी की जलवायु प्रतिबद्धताएं बिना दिखावे और महत्वाकांक्षी होने का मिश्रण हैं, और आखिर में संतुलित साबित हो सकती हैं. सभी के लिए विकास, समृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ परिवर्तन को लागू करने और प्रबंधन करना चुनौती होगी. अब, अमीर देशों को उठ खड़ा होना चाहिए और अपनी फंडिंग प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए.