यदि किसी शेयर की कीमत अधिक है, तो यह बाजार पर है कि उसे पता करे और दंडित करे. जो कि इसने अडानी पर 12 ट्रिलियन कीमत का दंड ठोका है. नियामक सेबी ने अस्थिरता को शांति से मैनेज किया है. सुप्रीम कोर्ट का दखल गैरजरूरी, बाजार विरोधी है और शानदार ढंग से काम कर रही उचित प्रक्रिया को कमजोर करता है.