अमित शाह की बागी एनपीपी के मंत्रियों के साथ बैठक के बाद मणिपुर सरकार सुरक्षित तो दिखती है लेकिन लोगों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. एक सरकार समझौतों, ब्लैकमेल कर और संस्था की ताकत से बनी और स्थिर हुई, यह जनादेश का मजाक है. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने में मोदी की भाजपा तेजी से कांग्रेस की जगह ले रही है.