पहले, मणिपुर विधानसभा के एक दिवसीय सत्र का संदिग्ध एजेंडा, फिर तुंरत उसका स्थगन- यह सब राज्य में सामान्य नहीं है. कार्यवाही बुलाने की समय सीमा 2 सितंबर को समाप्त होने के साथ, सत्र में काफी लापरवाही देखी गई. यह संवैधानिक मशीनरी के टूटने का एक और संकेत है.