अवैध धार्मिक संरचनाओं को बचाने के लिए कर्नाटक के कानून के साथ खराब रवैया अपनाया गया और इस पर पूरी तरह राजनीति लिखी गई. यह नए अतिक्रमणों को प्रोत्साहित करने, तनाव को भड़काने और भविष्य की सरकार को इसी तरह के लक्ष्य के साथ पेश करने का जोखिम पैदा करता है. धर्म संवेदनशील है, लेकिन कर्नाटक ने इस कठिन समय में एक खराब उदाहरण पेश किया है.