सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने ‘सीलबंद कवर फाइल’ को समाप्त करने तथा इसे ‘संवेदनशील मामले’ के रूप में वर्णित करने पर जोर दिया. लेकिन यह सिर्फ सीजेआई तक सीमित होने वाली परिघटना नहीं होनी चाहिए और इसे संस्थागत करना चाहिए. साथ ही न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष में भी आवश्यक परिवर्तन करें.
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CJI चंद्रचूड़ का ‘पारदर्शिता’ अभियान सीमित नहीं होना चाहिए, इसे संस्थागत किया जाए
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