राष्ट्रपति जो बाइडन और शी जिनपिंग के बीच पहली आमने-सामने की शिखर वार्ता से कोई सफलता मिलने की उम्मीद नहीं थी और न ही हुई. लेकिन हो सकता है कि यह तापमान (गुस्से) घटाने में कामयाब रहा हो, जो कई तरह के तनावों और बयानबाजी से बढ़ रहा था. दो शक्तियों का बात करना उपलब्धि है.