संवैधानिक बदलाव के 2 साल बाद, जम्मू एंड कश्मीर जमीनी तौर पर पहले से शांत नजर आता है. सुरक्षा बलों और एलजी प्रशासन ने शांति से हालात को संभाला है. लेकिन नाराजगी और अलगाव का दौर जारी है. मोदी सरकार को जल्दी से राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए और लोगों की चिंताओं और आहत भावना को दूर करने के लिए चुनाव कराना चाहिए.