यह राहत की बात है कि आखिर में कोविड प्रबंधन पर फोकस करने के लिए मोदी ने चुनावी रैली रद्द कर दी है. लेकिन उनकी लगातार बैठकें अति केंद्रित सरकार के संकट और नुकसान को उजागर करती है. नौकरशाहों को दोष देना आसान है लेकिन वे कुछ भी बिना उनकी इजाजत के तय नहीं कर सकते. यह समय है कि प्रक्रियागत रिस्पांस सिस्टम के लिए मोदी शक्ति को विकेंद्रीकृत (बंटवारा) करें.