हमास के क्रूर हमलों को रोकने में इज़राइल की सुरक्षा सेवाओं की चौंकाने वाली विफलता, निर्वाचित तानाशाहों के बगैर जांच के काम से होने वाले नुकसान और एर्दोगन-शैली के शासन को अपनाने के खतरों को दिखाती है. पीएम नेतन्याहू की राजनीति ने येरुशलम के सैन्य और खुफिया नेतृत्व को कमजोर किया. इज़राइल प्रबल होगा—लेकिन ऐसी कीमत पर जिसे चुकाने की आवश्यकता नहीं होगी.