दक्षेस कश्मीर और आतंकवाद को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के लिए बंधक रहा है, और 7 साल से एक भी शिखर सम्मेलन का आयोजन नहीं किया गया है. इस्लामाबाद ने विदेश मंत्रियों की बैठक में तालिबान की भागीदारी की मांग कर इसे और जटिल बना दिया है. एक तरफ गहरे विभाजन हैं, यह सार्क के मूल उद्देश्य को फिर से देखने या रीमेक करने का समय है.