दिप्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजन बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की तलाश कर रहा है. यह बहुत ही दर्दनाक चेतावनी है कि हम स्वदेशी चीजें बनाने में असफल हैं. टेक्नोलॉजी, कर्मचारियों और बजट की कमी से अत्याधुनिक तकनीकों को बनाने के प्रयासों को कमजोर कर दिया है. इसमें तुरंत सुधार नहीं किया जा सकता है. भारत को साइंटिफिक रिसर्च पर ज्यादा निवेश करना चाहिए.
होम50 शब्दों में मतभारत द्वारा अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान इंजन बनाने में सहयोग लेना, हमारी असफलता की याद दिलाता है
