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Monday, 18 November, 2024
होम50 शब्दों में मतभारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम अब एक राष्ट्रीय शर्म की बात हो गई है, धीमी गति इसकी सबसे बड़ी विफलता

भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम अब एक राष्ट्रीय शर्म की बात हो गई है, धीमी गति इसकी सबसे बड़ी विफलता

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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देश में 18+ के लोगों के लिए 1 मई से शायद ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू हो पाए, जो कि शर्म की बात है. लेकिन सबसे बड़ी चूक है वैक्सीनेशन की धीमी गति, पिछले 10 दिनों में हर दिन करीब 25 लाख से भी कम लोगों को ही वैक्सीन लगी है. भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम अब एक राष्ट्रीय शर्म की बात हो गई है.

सोली सोराबजी भारतीय उदारवाद और मानवाधिकार के संरक्षक थे

सोली सोराबजी की मृत्यु से भारत ने उदारवाद और मानवाधिकार के एक संरक्षक को खो दिया. अटार्नी जनरल के अलावा सोराबजी भारतीय संवैधानिक इतिहास के कई निर्णायक क्षणों के लिए प्रेरणा थे. फिर भी, जैज  सोराबजी का ‘पहला प्यार’ बना रहा, एक ऐसी कला जिसने उन्हें ‘अदालतों में परिस्थितियों को सुधारने’ में मदद की.

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