लोकतंत्र, विचारों की आज़ादी, स्वतंत्रता और इंटरनेट को लेकर जी-7 में भारत की प्रतिबद्धता में नयापन है लेकिन तभी जब तक कि ये सिर्फ कह दी गई बात तक सीमित न रहे. बीत सालों में इन चीज़ों पर मोदी सरकार और कई राज्यों का रिकॉर्ड दागदार रहा है. अगर ये एक नई शुरुआत है तो भारत को अपने प्रयासों के जरिए इसे दिखाना होगा.