पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में इनर-लाइन परमिट को लागू करने का मोदी सरकार का फैसला प्रतिगामी है. नागरिकता संसोधन विधेयक स्वदेशी समुदाय के लोगों की रक्षा के लिए होगा, यह दावा खोखला है. यह केवल दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों को प्रेरित करेगा, और मुख्यधारा में लाने के लक्ष्य के खिलाफ साबित होगा.
भारत को नागरिकता बिल पर बांग्लादेश की सुननी चाहिए, भाजपा की राजनीति से कूटनीतिक नुकसान नहीं होना चाहिए
नागरिकता (संशोधन) विधेयक और अवैध प्रवासियों के इर्द-गिर्द राजनीतिक बयानबाजी कर, मोदी सरकार दक्षिण एशिया में भारत के एकमात्र विश्वसनीय सहयोगी – बांग्लादेश को नाराज कर रहा है. इस मामले में विदेश मंत्री अब्दुल मोमन की नागरिकों की चिंताओं और अल्पसंख्यक उत्पीड़न को भड़काने की चिंता पर ध्यान देना चाहिए. भाजपा की घरेलू राजनीति से प्रजातंत्र को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.