शुरुआती दिन हैं, लेकिन पैंगोंग झील के किनारे सिंक्रनाइज़्ड सैन्य वापसी अच्छी खबर है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संसद में बयान स्पष्ट और नपा-तुला रहा है, लेकिन कठिन वास्तविकताओं को स्वीकार करता है. उन्होंने दावा किया एक इंच भी जमीन नहीं खोया है, लेकिन व्यावहारिक रूप से यह रेखांकित करते हैं कि टकराव के पॉइंट पर बने हुए हैं और भारत-चीन वार्ता जारी है.
मोदी ने सवाल किया कि IAS अधिकारी PSU क्यों चलाते हैं, यह एंटरप्रेन्योर्स के लिए सम्मान को दिखाता है
यह सवाल उठाते हुए कि IAS अधिकारियों को सार्वजनिक उपक्रम क्यों चलाना चाहिए, पीएम मोदी ने दो काम किए हैं: उद्यमियों के लिए सम्मान और नौकरशाही की भूमिका को परिप्रेक्ष्य में रखना. मजेदार विडंबना यह है कि यह बात किसी ऐसे नेता से आई है, जिसने किसी पूर्ववर्ती की तुलना में आईएएस को सशक्त बनाने के लिए अधिक काम किया है लेकिन, एक अच्छे एहसास के लिए देर भी मंजूर.