इमरान खान की आगामी मास्को यात्रा- दो दशकों में किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार- से मालूम होता है कि चीन, रूस और पाकिस्तान के बीच तीन-तरफा साझेदारी गहरी हो रही. रूस के बारे में भारतीयता के सेंटीमेंट, साफ तौर से, मास्को में साझा नहीं की गई. इस एशियाई ‘एंटी-क्वाड’ का उदय एक बड़ी चुनौती होगी.